1 ) मैं ब्रम्हांड के ग्रहों का बिहैवियर तो समझ सकता हूँ लेकिन इंसानों की मन का बेहेवियर नहीं समझ सकता।
यह उनका कहना था की मैं आसमानों मैं उपस्थित ग्रहों और नक्षेत्रों को तोह समझ सकता हूँ लेकिन इंसानों के मन को नहीं समझा जा सकता। यह ग्रहों की गलना करने से ज्यादा मुश्किल है।
2 ) जो चीज़ ऊपर जाता है उसका निचे आना भी तय है।
यह उनका एक महत्वपूर्ण सिद्धांत था की जो चीज़ ऊपर जाता है वह निचे भी आता है।
3 ) एक वस्तु तब तक सीधी रेखा मैं गति करती रहेगी जब तक उसे बाधा देने बाला कोई बाहरी बल न आजाये।
कोई भी चीज़ तब तक सीधी रेखा मैं जाता रहेगा जब तक उसे सामने से कोई बढ़ा ना देदे।
4 ) हर क्रिया का कोई न कोई प्रतिक्रिया जरूर होता है।
यह चीज़ हमारे नॉर्मल जिंदगी मैं भी लागु होतीहै की हर क्रिया का कोई न कोई प्रतिक्रिया जरूर होती है।
इसीलिए आप जो काम करें सोच समझ कर करें ऐसा न समझें की मैंने तोह बस कर लिया अब इसका कोई परिणाम नहीं आएगा।
5 ) मेरी शक्तियां सामान्य होती हैं केबल मेरे प्रयास मुझे सफलता देते हैं।
वह बोहत इंटेलीजेंट थे लेकिन वह कह रहें हैं की इसका वजह उनका हार्ड वर्क है।
इसीलिए हमेशा प्रयास करते रहें और कभीभी हार्ड वर्क करना बंद मत कीजियेगा। क्यूंकि आप अपनी हुनर को खुद हिन् बढ़ा सकता हैं।
कोई आपके लिए नहीं कर देने वाला।
6 ) प्रकृति अपनी सादगी के साथ प्रभाबित करती है क्यूंकि प्रकृति कृत्रिम नहीं है।
जो नेचुरल चीज़ें होती हैं उन्हें और किसी भी चीज़ का जरुरत नहीं होता है।
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